Sunday, 30 October 2011

हरियाणा

हरियाणा

भारत के मानचित्र पर हरियाणा  ਹਰਿਆਣਾ

 

हरियाणा उत्तर भारत का एक प्रांत है जिसे पंजाब से १९६६ में अलग किया गया था। इसकी सीमायें उत्तर में पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश, पश्चिम तथा दक्षिण में राजस्थान से, एवं पूर्व में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश तथा यमुना नदी से बंधी है। भारतीय राजधानी दिल्ली के तीन तरफ भी हरियाणा की सीमायें लगी हैं जिसकी वजह से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का एक बडा हिस्सा हरियाणा में शामिल है। हरियाणा प्रदेश की राजधानी चंडीगढ है जो केंद्र शासित प्रदेश होने के साथ साथ पंजाब की भी राजधानी है।
प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से हरियाणा पूरे भारत में सिर्फ गोआ एवं दिल्ली से पीछे है। हरियाणा की प्रति व्यक्ति औसत आय २९,८८७ रुपये/वर्ष (वर्ष २००६) है। .[1] हरियाणा को पूरे भारत के विकास का अग्रदूत समझा जा सकता है।.[2] हरियाणा औद्योगिक उत्पादन के मामले में देश के सबसे अग्रणी राज्यों में से है जिसकी बानगी नीचे दिये गये उद्योगों में हरियाणा की भागीदारी से सहज देखा जा सकता है:[3]
गुड़गांव शहर सूचना प्रौद्योगिकी और ऑटोमोबाइल उद्योग के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। यह निर्माण क्षेत्र का भी एक प्रमुख केंद्र है यह मारुति उद्योग लिमिटेड, जो की भारत की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनी है, और हीरो होंडा लिमिटेड, जो दोपहिया वाहनो के दुनिया के सबसे बड़े निर्माता हैं का घर है। पानीपत , पंचकूला और फरीदाबाद भी औद्योगिक केन्द्र हैं, पानीपत रिफाइनरी दक्षिण एशिया में दूसरी सबसे बड़ी रिफाइनरी है। हरियाणा राज्य में इस्पात और वस्त्र उद्योग भी बडे़ पैमाने पर कार्य कर रहा है। हरियाणा के नाम का ही अर्थ है " यह परमेश्वर का निवास " से हरि ( हिंदू देवता विष्णु ) और आयन ( घर ) [ 4 ] .

  • 1 इतिहास
  • 2 भूगोल
  • 3 जलवायु
  • 4 वनस्पति
  • 5 जनसाँख्यिकी
  • 6 हरियाणा की संस्कृति
  • 7 सरकार एवं राजनीति
  • 8 अर्थव्यवस्था
  • 9 प्रशासनिक व्यवस्था
  • 10 संदर्भ
  • 11 यह भी देखें
  • 12 बाहरी कड़ियाँ 
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    इतिहास

    हालाँकि हरियाणा अब पंजाब का एक हिस्सा नहीं है पर यह एक लंबे समय तक ब्रिटिश भारत मे पंजाब प्रान्त का एक भाग रहा है, और इसके इतिहास में इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है। हरियाणा के बानावाली और राखीगढ़ी, जो की अब हिसार में हैं, हिंदू सभ्यता का हिस्सा रहे हैं, जो की ५,००० साल से भी पुराने हैं|

    वैदिक काल

    सिंधु घाटी जितनी पुरानी कई सभ्यताओं के अवशेष सरस्वती नदी के किनारे पाए गए हैं। जिनमे नौरंगाबाद और मिट्टाथल भिवानी में, कुणाल, फतेहाबाद मे, अग्रोहा और राखीगढी़ हिसार में, रूखी रोहतक में और बनवाली सिरसा जिले में प्रमुख है। प्राचीन वैदिक सभ्यता भी सरस्वती नदी के तट के आस पास फली फूली। ऋग्वेद के मंत्रों की रचना भी यहीं हुई है। कुछ प्राचीन हिंदू ग्रंथों के अनुसार, कुरुक्षेत्र की सीमायें, मोटे तौर पर हरियाणा राज्य की सीमायें हैं। तैत्रीय अरण्यक ५.१.१ के अनुसार, कुरुक्षेत्र क्षेत्र, तुर्घना ( श्रुघना / सुघ सरहिन्द, पंजाब में ) के दक्षिण में, खांडव ( दिल्ली और मेवात क्षेत्र )के उत्तर में, मारू ( रेगिस्तान )के पूर्व में और पारिन के पश्चिम में है। [5] भारत के महाकाव्य महाभारतमे हरियाणा का उल्लेख बहुधान्यकऔर बहुधनके रूप में किया गया है। महाभारत में वर्णित हरियाणा के कुछ स्थान आज के आधुनिक शहरों जैसे, प्रिथुदक (पेहोवा), तिलप्रस्थ (तिल्पुट), पानप्रस्थ (पानीपत) और सोनप्रस्थ (सोनीपत)मे विकसित हो गये हैं। गुड़गाँव का अर्थ गुरु के ग्राम यानि गुरु द्रोणाचार्य के गाँव से है। कौरवों और पांडवों के बीच हुआ महाभारत का प्रसिद्ध युद्ध कुरुक्षेत्र नगर के निकट हुआ था। कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश यहीं पर दिया था। इसके बाद अठारह दिन तक हस्तिनापुर के सिंहासन का अधिकारी तय करने के लिये कुरुक्षेत्र के मैदानी इलाकों में पूरे भारत से आयी सेनाओं के मध्य भीषण संघर्ष हुआ। जनश्रुति के अनुसार महाराजा अग्रसेन् ने अग्रोहा जो आज के हिसार के निकत स्थित है, मे एक व्यापारियों के समृद्ध नगर की स्थापना की थी। किवंदती है कि जो भी व्यक्ति यहाँ बसना चाहता था उसे एक ईंट और रुपया शहर के सभी एक लाख नागरिकों द्वारा दिया जाता था, इससे उस व्यक्ति के पास घर बनाने के लिये पर्याप्त ईंटें और व्यापार शुरू करने के लिए पर्याप्त धन होता था।

    मध्यकाल

    हूण के शासन के पश्चात हर्षवर्धन द्वारा 7वीं शताब्दी में स्थापित राज्य की राजधानी ((हरियाणा ))के ((कुरुक्षेत्र ))के पास थानेसर में बसायी।उसके मौत के बाद प्रतिहार ने वहां शासन करना आरंभ कर दिया और अपनी राजधानी कन्नौज बना ली।यह स्थान दिल्ली के शासक के लिये महत्वपूर्ण् था। ((पृथ्वीराज चौहान ))ने १२वीं शताब्दी में अपना किला हाँसी और तरारी में स्थापित कर लिया।मुहम्मद गोरी ने दुसरी तराईन युध में इस पर कब्जा कर लिया ।उसके पश्चात दिल्ली सल्तनत ने कई शदी तक यहाँ शासन किया।

    ब्रिटिश राज

    हरियाणा का गठन

    भूगोल

    जलवायु

    यह क जल्वयु आम्तोर पर थन्द हि रेह्त है।

    वनस्पति

    पूरे राज्य मे कँटीले शुष्क पर्णपाती वन और काँटेदार झाड़ियों मिलती हैं। मानसून के दौरान सारी पहाड़ियों घास से ढक जाती हैं। शहतूत, सफेदा, चीड़, कीकर, शीशम बबूल के अतिरिक्त कुछ अन्य वृक्ष भी यहाँ पाये जाते हैं। जानवरों मे यहां काले हिरण, नीलगाय, तेंदुआ, लोमडी़, मोंगूज़, सियार और जंगली कुत्ते पाये जाते हैं।

    जनसाँख्यिकी

    २००१ की जनगणना के अनुसार हरियाणा की जनसंख्या २,११,४४,००० है, इसमें १,१३,६४,००० पुरुष तथा ९७,८१,०००० महिलाऐं हैं। जनसंख्या घनत्व ४७७ व्यक्ति/वर्ग किमी है। हरियाणा मे पंजाब की तरह विषम लिंग अनुपात है यानि १,००० पुरुषों के पीछे महिलाओं की संख्या मात्र ८६१ है। कन्या भ्रूण हत्या इस विषम लिंग अनुपात का एक प्रमुख कारण है बेटे की चाह मे लोग बेटियों को गर्भ मे ही मार डालते हैं। राज्य मे हिंदुओं की जनसंख्या ८८.२% है, जबकि सिखों की ५.५%, मुसलमानों की ५.८% , जैन और बौद्ध क्रमशः ०.३% और ०.०१% के अनुपात मे हैं। मुसलमान मुख्ततः महेंद्रगढ़ जिले मे केन्द्रित हैं , जबकि ज्यादातर सिख पंजाब से सटे जिलों में रहते हैं। कृषि और कृषि से संबंधित उद्योग स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हाल के वर्षों में मुख्य रूप से बिहार, बंगाल और नेपाल के प्रवासियों की संख्या मे वृद्धि हुई है। [6]

    हरियाणा की संस्कृति

    हरियाणवी सिनेमा एवं संस्कृति

    चन्द्रावल
    लाडो
    गुलाबो

    सरकार एवं राजनीति

    अर्थव्यवस्था

    निर्माण उद्योग

    गुडगांव का एक आवासीय परिसर

    सेवा उद्योग

    कृषि

    डेयरी उद्योग

    परिवहन व्यवस्था एवं आधारभूत संरचना

    संचार एवं मीडिया

    प्रशासनिक व्यवस्था


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